हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना…..
हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना…..
उसके सौंदर्य से नहीं,
उसकी संवेदना और वेदना से अवगत होना।
-ओश
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हे पुरुष ! तुम स्त्री से अवगत होना…..
उसके सौंदर्य से नहीं,
उसकी संवेदना और वेदना से अवगत होना।
-ओश
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