हे पार्थ देखो ये मॉडर्न युग है
हे पार्थ देखो ये माॅडर्न युग है।
मनुज-मनुज का विचित्र संयोग है।।
कल मान नष्ट होने पर थे रण छिड़ जाते।
थे लोग पल भर में काल -कवलित हो जाते।।
है पार्थ देखो ये माॅडर्न युग है।
सत्य असत्य का अद्भुत संयोग है।।
भ्रष्टता की कल्पना मात्र मानव को डरा जाता था।
आज की परिपाटी में मानव भ्रष्ट तक बन जाता है।।
हे पार्थ देखो ये माॅडर्न युग है।
मनुज-मनुज का विचित्र संयोग है।।
कल मान नष्ट होने पर थे रण छिड़ जाते।
थे लोग पल भर में काल -कवलित हो जाते।।
है पार्थ देखो ये माॅडर्न युग है।
सत्य असत्य का अद्भुत संयोग है।।
भ्रष्टता की कल्पना मात्र मानव को डरा जाता था।
कल भ्रष्टता की कल्पना मात्र मृत्युदण्ड दिलवाता था।
आज भ्रष्टता की कल्पनामात्र पुरस्कार दिलवाता है।