* हे कृष्ण मोहन सखा हमारे *
हे कृष्ण मोहन सखा हमारे
बसों नयन में अब प्रभु हमारे
दरस- प्यासे अब नयन हमारे
तुम पर अब ये जीवन वारे
तुम तारो अब नाथ हमारे
तुम बिन बिगरी कौन सँवारे
हे मुरलीधर हे गिरधारी
तुम पर तो ये दुनियां वारी
क्या मानू अब ईश्वर तुझको
या मानू तुम्हे सखा सुदामा
हे भगवन हे कान्ह- कन्हाई
जिस गिरी को धरा हनुमत ने
उठा उसे अब लाज बचाई
हनुमत को नही कहते गिरधारी
मोहन हो मोहित करते सब को हो
चर क्या क्या अचर सभी को साईं
राधा हो या गांव की ग्वाला
हितचित-वित्त चतुराई चुराई
है भगवान भगत के प्यारे
लाज बचा तारो गिरधारी
तुम पर तो ये दुनियां वारी
तारो अब तो हे मुरलीधारी
हे कृष्ण मोहन सखा हमारे
बसों नयन अब प्रभु हमारे ।।
? मधुप बैरागी