हे कृष्णा
हरे कृष्णा……
ले चल अपने साथ मुझे तू ,ये दुनिया न मेरी है ….
ये बना जिस्म तो मिट्टी का ,और रूह ये तेरी है ….
मेरा क्या है साथ में मेरे जुस्तजू बस तेरी है
तेरे बिना भी क्या जिन्दगी , सांस सांस अधूरी है ….
अब तो आजा मेरे कान्हा ,मिलना भी जरूरी है …
तू मुझसे तो दूर नही है ,मुझे दी मजबूरी है ….
इंतजार भरे लंबे पल , काटे नही कटते है
मेरी मै मनन मिटा कान्हा ,फिर तेरी ही तेरी है ….
तुम्हारा साथ हो तो कर सकता कोइ आहत नही।
तेरे नाम में शांति, खुशी और कोइ राहत नही
दिल बसेरे हो तेरे, जुबाँ पे नाम प्यारे कान्हा,
चरण शरण रहूं तेरी, और कोई अब चाहत नही
ममता✍
ममता तिवारी