Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
17 Nov 2022 · 1 min read

हुआ मुझे है प्यार

जगा किसी भी रात को, नहीं एक भी बार ।
ऐसे कैसे मान लूं, …,… हुआ मुझे है प्यार ll
रमेश शर्मा

Language: Hindi
1 Like · 181 Views

You may also like these posts

अंधेरे का डर
अंधेरे का डर
ruby kumari
प्रीति रीति देख कर
प्रीति रीति देख कर
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
ये जो
ये जो
हिमांशु Kulshrestha
🙏🙏🙏
🙏🙏🙏
pratibha Dwivedi urf muskan Sagar Madhya Pradesh
यही तो जिंदगी है
यही तो जिंदगी है
gurudeenverma198
दो क्षणिकाएं
दो क्षणिकाएं
sushil sarna
सुनहरा सफ़र
सुनहरा सफ़र
Anuj Rana
संवेदनशीलता का रोमांच
संवेदनशीलता का रोमांच
Nitin Kulkarni
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
राजे तुम्ही पुन्हा जन्माला आलाच नाही
Shinde Poonam
रोशनी और कुदरत की सोच रखते हैं।
रोशनी और कुदरत की सोच रखते हैं।
Neeraj Agarwal
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
मेरी काली रातो का जरा नाश तो होने दो
Parvat Singh Rajput
dr arun kumar shastri
dr arun kumar shastri
DR ARUN KUMAR SHASTRI
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
कल आंखों मे आशाओं का पानी लेकर सभी घर को लौटे है,
manjula chauhan
मिनखं जमारौ
मिनखं जमारौ
जितेन्द्र गहलोत धुम्बड़िया
** देश रक्षक**
** देश रक्षक**
Dr. P.C. Bisen
मुस्कुराना ज़रूरी है
मुस्कुराना ज़रूरी है
Roopali Sharma
मया के खजाना हावय ग
मया के खजाना हावय ग
डिजेन्द्र कुर्रे
दोहा ,,,,,,,
दोहा ,,,,,,,
Neelofar Khan
विरह
विरह
Sonu sugandh
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
वक्त अब कलुआ के घर का ठौर है
Pt. Brajesh Kumar Nayak / पं बृजेश कुमार नायक
गरीब की दिवाली।
गरीब की दिवाली।
Abhishek Soni
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
समाप्त वर्ष 2023 मे अगर मैने किसी का मन व्यवहार वाणी से किसी
Ranjeet kumar patre
जिंदगी तेरे कितने रंग, मैं समझ न पाया
जिंदगी तेरे कितने रंग, मैं समझ न पाया
पूर्वार्थ
2958.*पूर्णिका*
2958.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
*कृपा कर दो हे बाबा श्याम, खाटू के सहारे हैं (भजन)*
*कृपा कर दो हे बाबा श्याम, खाटू के सहारे हैं (भजन)*
Ravi Prakash
" सावन "
Dr. Kishan tandon kranti
😊आम बोली की ग़ज़ल😊
😊आम बोली की ग़ज़ल😊
*प्रणय*
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
প্রতিদিন আমরা নতুন কিছু না কিছু শিখি
Arghyadeep Chakraborty
जिस तरह
जिस तरह
ओंकार मिश्र
यूँ  भी  हल्के  हों  मियाँ बोझ हमारे  दिल के
यूँ भी हल्के हों मियाँ बोझ हमारे दिल के
Sarfaraz Ahmed Aasee
Loading...