हुआ परखना आपको
हुआ परखना आपको, कभी नहींआसान ।
आँखे तो मेरी तरफ, लेकिन बंद जुबान ।।
किया नही संचय कभी,करूँ सदा सत्कार ।
आईने सा हो गया,….. मेरा भी किरदार ।।
रमेश शर्मा.
हुआ परखना आपको, कभी नहींआसान ।
आँखे तो मेरी तरफ, लेकिन बंद जुबान ।।
किया नही संचय कभी,करूँ सदा सत्कार ।
आईने सा हो गया,….. मेरा भी किरदार ।।
रमेश शर्मा.