हिम्मत मत हारो, नए सिरे से फिर यात्रा शुरू करो, कामयाबी ज़रूर
हिम्मत मत हारो, नए सिरे से फिर यात्रा शुरू करो, कामयाबी ज़रूर मिलेगी, प्रयत्न और पुरुषार्थ सीखना है तो चींटी से सीखो, चींटी अपने से पांच गुना ज़्यादा वजन लेकर दस बार दीवार पर चढ़ती है, गिरती है, मगर हिम्मत नहीं खोती है, ग्यारहवीं बार फिर कोशिश करती है और सफल हो जाती है। संघर्ष कीजिए, कोशिश कीजिए, एक न एक दिन सफलता ज़रूर मिलेगी। सब्र, समय और अथक परिश्रम ने बड़े-बड़े पहाड़ चकनाचूर कर दिए है। कहा भी गया है-“उद्यमेन ही सिध्यन्ति कार्याणि न मनोरथै:”