इतिहास
ना जाने क्यों नाम मेरा सुन,
घबराता है जी सबका,
भागते हैं मुझसे सब ,
जैसे कोई भूत मैं,
अरे हॉं , मैं भूत ही तो हु,
डरो मत तुम्हारा अतीत हूं मैं
और कोई भाग सकता है अपने अतीत से?
नहीं ना,
फिर क्यों भागते सब मुझसे,
माना मैं बीता हुआ कल हूं,
पर भविष्य में जाने के लिए क्या जरूरत नहीं मेरी,
मुझे देख अपनी गलतियां से सीखो,
शायद भविष्य में तुम ग़लती से भी ग़लती ना करो,
भागों नहीं पढ़ो समझो मुझे,
मैं भूत भी अच्छा हूं,
माना थोड़ा उबाऊ हूं,
पर , तुम्हारा ही इतिहास हूं।