हिन्दी
जननी है वो, पालन करती हैं;
वाणी की मधुरता है;
तो शब्दों मे निखरती है।
मां है ममता है प्यार भरी लोरी है,
कहने के लिए तो बस एक भाषा है;
पर जीवन में नव संचार की निर्झरणी है।
स्वर है व्यंजन है लेख-गीत है..
समृद्ध जीवन का आधार – विचार है,
न हो जीवन में तो उद्देश्यतः मूक – व्यवहार है।