हिन्दी
हर क्षेत्र यहा व्यवहारिक है, बस कुछ सख्तायी रखनी है।
हिन्दी जन-जन की भाषा है, बस इच्छा शक्ति रखनी है।।
बोल चाल मे सबसे पहले, अब हिन्दी को ही रखना है।
शब्दकोश है बहुत विशाल, बस याद हमे ये रखना है।।
हर क्षेत्र मे हमको अब, हिन्दी का प्रयोग ही करना है।
हर जगह अब सबसे पहले, सम्मान हिन्दी का करना है।।
सूचना पट से निकाल हमे, व्यवहार मे हिन्दी लानी है।
निजी क्षेत्र हो या सरकारी, हर क्षेत्र मे हिन्दी लानी है।।
सर का ताज बनाकर हमको, हिन्दी की अलख जगानी है।
ज्ञानी हो अज्ञानी हो, अब हिन्दी की ज्योत जगानी है।।
=================================
“ललकार भारद्वाज”