‘हिन्दी दिवस’
हिन्दी दिवस(व्यंग्य)
ओहो नीलिमा !
तुमने याद नहीं दिलाया
कल हिन्दी दिवस समारोह है।स्पीच तैयार करनी है। क्या बोलूंगा..
प्लीज़ कुछ हैल्प कर दोगी?
अभय ने पत्नी से कहा,-
नो – नो डियर ! मैं हिंदी नहीं जानती | यू नो मैं इंग्लैंड में पढ़ी हूँ।तुम तो भारत में ही रहे हो तुम्हें लिखने में कैसी प्रोब्लम..नीलिमा ने आश्चर्य से कहा,-
“डार्लिंग, मैं इंगलिश मीडियम का स्टुडेंट हूँ, हिन्दी में टॉकिंग करने पर फाइन लगाते थे स्कूलवाले अभय खीजकर बोला।
मुझे जानबूझकर अध्यक्ष बनाया गया है ,कोई इस बरडन को लेना नहीं चाहता
हिंन्दी में स्पीच कैसे लिखें यही समस्या है।”
नीलिमा हंसकर बोली ,- “नो प्रोब्लम, कुछ भी लिख दो जब किसी को कोई नॉलेज ही नहीं है,
तो कौन केयरफुली सुनेगा तुम्हारी स्पीच। ”
अभय बोल पडा़, ओह!रियली मैंने ये सोचा ही नहीं।
नीलिमा तुम एक कप कॉफी बनवा दो प्लीज़।
मैं स्पीच तैयार करता हूँ।
नीलिमा – ओके..
(एक घंटे बाद अभय नीलिमा को आवाज़ देकर बुलाता है)
नीलिमा डार्लिंग !जस्ट चेक इट। नीलिमा,”मैं सो रही हूँ 12बज गए।ठीक होगी अब रहने भी दो।”
अगले दिन-
अभय मंच पर ..
गुड मार्निंग लेडीज और जेन्ट्स भाई बहनों ।जैसे कि यू नो आज हम यहाँ हिन्दी को रेस्पेक्ट देने के लिए इकट्ठे हुए हैं ।हिन्दी हमारी मदर लेंग्वेज है ।हमें कोशिश करनी चाहिए आपस में बातचीत करते समय हिन्दी लेंग्वेज यूज करें।
यू नो टूडे माइ यंग डॉटर ने बताया पापा आज हम स्कूल में हिंन्दी में टॉकिंग कर सकते हैं।आज बहुत इंजॉय करेंगे।खूब बात करेंगे।मैं बहुत हैप्पी हुआ कि चलो वन डे 365 में वनडे तो हमारी हिंदी के लिए फिक्स है।इसी वन डे की वजह से हम सबको ये गुड चांस मिला है अपने थॉट्स कीपिंग के लिए ।फ्यूचर में भी वी ऑल हिंदी के लिए वर्किंग करते रहेंगे। यंग हिन्दी ग्रुप को थैंक्स दैट उनके माइंड में इतनी गुड थिंकिंग आई। अब मैं रिक्वेस्ट करूंगा कि जो भी पर्सन हिन्दी में कुछ कहना चाहते हैं पोयम ,सॉंग या प्ले वो स्टेज पर आ सकते हैं।थैंक्स आप सब का ।यू आल केयरफुली लिसन मी।
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लेखिका -गोदाम्बरी नेगी
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