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14 Sep 2019 · 1 min read

हिन्दी दिवस विशेष(दोहे)

जब हम करते बात हैं, हिंदी में सरकार।
जाने बहुजन समझते, बात करे साकार।।

निज भाषा का ज्ञान तो, है आवश्यक जान।
बिन भाषा के यूँ फिरे, जैसे कोई अनजान।।

आप कहे वो मुख लखे, समझे न कोई बात।
निज भाषा के ज्ञान बिन, कैसे होंगे काज।।

भाषा सीखो फिर पढ़ो, पुस्तक ज्ञान विज्ञान।
भरा जलधि सम ज्ञान है, क्यों कर हो अज्ञान।।

आजकाल की वेदना, हिंदी का अभियोग।
कहने को सम्मान है, कमतर हुआ प्रयोग।।

आँग्ल भाषिता बढ़ रही, धनबल के आधार।
विधवा सी हिंदी हुई, इंग्लिश करे श्रृंगार।।

हिंदी ने अपना लिया मिश्रण और सुधार।
मिलते मिलते मिट रही, इसका है आभास?

संसद से ही देश की, बनता है कानून।
संसद में ही गूँजती, अंग्रेजी अब तो दून।।
◆◆

Language: Hindi
395 Views
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