हिन्दी दिवस पर विशेष….
भाषा विचारों की अभिव्यक्ति है जिसके माध्यम से हम एक दूसरे के मनोभावों को जानने और समझने का प्रयास करते हैं प्रत्येक देश में अनेक प्रकार की भाषाएँ बोली जाती हैं सबका अपना अलग साहित्य है सभी भाषाएँ अपने में महती स्थान रखती हैं!जन्म लेते ही बच्चा जब रोता है तब आवाज होती है “के हौं” इससे तात्पर्य ये बताया गया कि बच्चा ईश्वर से कहता है कि हम कहाँ आ गये है?कहने का तात्पर्य बालक के जन्म से ही भाषा का प्रयोग प्रारम्भ हो जाता है जिसे हम मातृभाषा की संज्ञा से विभूषित करते हैं भारत की तकरीबन 60 प्रतिशत जनता गाँव में जीवन यापन कर रही है जहाँ पर आँचलिक बोलियों का पुट भी विद्यमान है जिसमें एक अजीब सी मिठास की अनुभूति होती है!भारत ऐसा समृद्ध और शक्तिशाली देश है जो विश्वपटल पर हिन्दी भाषी- वासी देश जाना जाता है हम हिन्दी तबके के लोग थोड़ा शर्म महसूस करते हैं जब हमारे संवाद हिन्दी में होते हैं क्योंकि नकल करने की आदत जो है!लेकिन आज पश्चिमी देशों की सभ्यता और संस्कृति में हमारी राजभाषा हिन्दी चार चाँद लगा रही है!मारिशस में रहकर अभिमन्यु अनत जहाँ प्रेमचन्द की उपाधि से विभूषित हो रहे हैं वहीं फिजी में हमारे अवध प्रान्त की बोली ‘अवधी” विशेष रूप से उल्लेखनीय है!वहाँ लोग तुलसी के रामचरित मानस और जायसी का नागमती वियोग वर्णन नायिका के ह्रदय की पीड़ा को बखूबी समझकर झकझोर-झकझोर शृंगार के वियोग पक्ष की गहरी स्वानुभूति करते हैं!
वैश्विक स्तर पर आज हिन्दी का बड़े पैमाने पर परचम है!विदेशी दूतावासों में हिन्दी के अनुवादकों और लेखकों की डिमाण्ड है आपने स्वयं भी महसूस किया होगा ज्यादा दूर नहीं बस अपने सोशल साइट्स के एकाउण्ट पर ही कितनी बड़ी मात्रा में लोग हिन्दी में लिखने लगे हैं!आज के दौर में अमूमन हर वह व्यक्ति जिसके पास एनड्रायड सेट है वो कवि और साहित्यकार है इतनी बड़ी मात्रा में इजाफा हुआ है हिन्दी भाषा में शब्दों को सामने प्रस्तुत करने में!अनेक हिन्दी पोर्टल,ब्लॉग बनाये गये हैं जिससे हिन्दी भाषा समृद्धि के बहुत निकट रहे!अनेक प्रकार के वेब-पोर्टल जिनके संवाद हिन्दी में हैं!
आज हिन्दी दिवस का पावन पर्व है आज ही के दिन मतलब की 14 सितम्बर सन् 1949 को हिन्दी भाषा को संवैधानिक दर्जा प्राप्त हुआ था (भाग-17 अनुच्छेद 343-351)
इस कारण ही प्रत्येक वर्ष 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस के रूप में मनाया जाता है!आज हिन्दी में कैरियर की भी असीम सम्भावनाएँ है स्क्रिप्ट,राइटर,अनुवादक,कहानी लेखक,कविता,उपन्यास,गजल अादि विधाओं से आप अपना भविष्य सुरक्षित कर सकते हैं!
उत्सव और उमंग है मन में आनन्द ही आनन्द है क्योंकि हम हिन्दी पट्टी लोगों की मातृभाषा ,राजभाषा की वर्षगाँठ है!चलिए संकल्प लेते हैं आज कि हम किसी भी भाषा का तिरस्कार नहीं करेंगे संविधान में वर्णित 22 भाषाएँ सब हमारी माँ (हिन्दी) की बहनें है!हिन्दी दिवस के शुभअवसर पर अशेष शुभकामनाएँ आप सभी को….
वाणी से फूटा हर शब्द मातृभाषा का हो
गोदान से लेकर कामायनी इस भाषा का हो
तुम रचते रहो साहित्य शक्ति सदैव
कलम से निकला हर शब्द मातृभाषा का हो
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फिर से जन्म ले निराला और प्रसाद
महादेवी के विरह की हो हर पल अनुभूति
प्रेमचन्द और मोहनराकेश बनो
रचते रहो बसते रहो अनवरत्
गोदान,गबन,कफन आखिरी चट्टान तक!
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शालिनी साहू
ऊँचाहार,रायबरेली(उ0प्र0)