हिन्दी की दशा
अ हिंदी तेरी दशा क्या आज,
कुछ तो बोले गिटपिट इंग्लिश,
बाकी मूक रहे समाज,अ हिंदी…आज
जैसे मोती बंद हो सीपी में,
तेरी शान नागरी लिपि में,
देवों की नगरी से आई,
तभी देवनागरी कहलाई,
देव भी करते तुझ पर नाज,अ हिंदी…
तू समेटे हर भाषा को,
प्रकट करें अभिलाष को,
जीवित रख हर आशा को,
प्यार की परिभाषा को,
तुझे पूर्ण सारे काज।अ हिंदी… आज
याद करो उस भगत को,
फांसी के तख्त को,
हिंदी पर जान गंवाई थी,
तब आज़ादी पाई थी,
आज़ादी को बचाओ आज ,
हिन्दी में करो पूर्ण काज़,
उन्नति है निज भाषा काज से,
अ हिंदी तेरा पूर्ण प्रयोग आज से।
अ हिंदी तेरा पूर्ण प्रयोग आज से।।