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31 May 2023 · 1 min read

हिन्दी की उपादेयता

हिंदी दिवस
मन से तो करते नहीं, हिंदी को स्वीकार।
सिर्फ दिखावे के लिए हिंदी की जयकार।
हिंदी की जयकार मनाएं पखवाड़ा बस।
बाकी दिन में मस्त विदेशी प्यार करें सब।
उचित नहीं व्यवहार जरा सोचो तो मन से।
निज भाषा सम्मान ,करें अब तो सब मन से।।
सतीश पाण्डेय

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