“हिदायत” इतनी सी
वो जो बैड़ पर पड़ा ब्लेंकेट तह करना नहीं जानते
वे जो गीला तौलिया बिस्तर पर पड़ा छोड़ देते हैं
वो जो चीखकर सामने वाले की आवाज दबाने का हुनर जानते हैं
वो जो काम से लौटकर घर पर अपनी थकान जताते है
वो जो मै मै का राग चीखकर चिल्लाकर सुनाते है
वो जो अपनी मां को पूजते है खुदा की तरह
वो जो बीबी की मां को कभी सम्मान नहीं देते
वो जो डोर मैट को पैर से सही करने मे तौहीन समझते है
वो जो जूते मे उतारे हुये मोजे रखना नहीं जानते
वो जो सोते वक्त ,सोती हुई बीबी को जगाकर टीबी बंद करने को कहते हैं
वो जो एक कप चाय बनाने मे शर्मिंदा हो जाते हैं
वो जो खुद को खुदा और हमें चीज़ समझते है
वो महानुभाव किसी महिला को महिला दिवस की मुबारकबाद न कहें
यह भी उनकी सबसे बड़ी तौहीन ही होगी …