हिजरत – चार मिसरे
कर चुके हैं जो हिजरत बेबसी में ।
उन्हें घर -आँगन दिखा दो न ।।
हिज्र का पतझड़ देखा है आँखों नें ।
उन्हें वस्ल का सावन दिखा दो न ।।
©डॉ. वासिफ़ काज़ी , इंदौर
©काज़ी की क़लम
कर चुके हैं जो हिजरत बेबसी में ।
उन्हें घर -आँगन दिखा दो न ।।
हिज्र का पतझड़ देखा है आँखों नें ।
उन्हें वस्ल का सावन दिखा दो न ।।
©डॉ. वासिफ़ काज़ी , इंदौर
©काज़ी की क़लम