“हिंदी”
मेरी प्रिय “हिंदी”
कैसी हो??
जानती हूं मेरा ये सवाल गलत है,क्योंकि इन दिनों तुम किस स्थिति से गुजर रही हो उससे भली भांति परिचित हूं मैं… मगर फिर भी तुम्हारी कुशल कामना की हमेशा हर “जन” से प्रार्थना है क्योंकि ईश्वर तो इसमें हमारी मदद कर नहीं सकते,कुछ चीजें ऐसी होती हैं जिनका शुभ अशुभ सब इंसान के हाथों में होता है,तुम्हारे बारे सोचती हूं तो “गर्व” और “दुःख” दोनो की अनुभूति होती है, गर्व इसलिए की तुम हमारी भाषा हो,और दुःख इसलिए की अब भी लोग तुम्हें पूरी तरह से अपनाने में शर्म महसूस करते हैं,कहने को तो सब तुम्हे “मां” कहते हैं लेकिन तुम्हारे साथ व्यवहार “पराई बेटी” जैसा है,कितना दुःखद है ना अपने ही घर में पराया सा महसूस करना☹️,अपनी संस्कृति से अलगाव को सब “आधुनिक” होने का नाम दे रहे हैं,आज तुम्हें “माथे की बिंदी” बता कर सब तुम्हारी सुंदरता का बखान कर रहे हैं लेकिन फिर भी, “सिर का ताज” बना कर “गर्वित” नहीं होना चाहता,जब देखती हूं की आज सिर्फ तुम्हें अपने शब्दों भाषा में प्रयोग ने करने से बच्चे अपने दादा दादी,नाना नानी,अपने घर के बड़े बूढ़ों से सामंजस्य नहीं बिठा पा रहे तो साफ नजर आता है स्थिति बहुत खराब है “बच्चे,बुजुर्ग और तुम्हारी”,
हमारी पहचान बताए जाने वाले “हस्ताक्षर” अगर तुम्हारा हाथ पकड़ लें तो लोग ऐसी नजर से देखते हैं जैसे तुम दोनो में कोई “नाजायज” रिश्ता हो,लेकिन तुम परेशान न होना जिन लोगों को ये नहीं पता कि कहां कितनी मात्रा में बोलना है वो तुम्हारी “मात्राओं” की अहमियत कहां समझेंगे,अर्थ का अनर्थ करने वालों में इतने समर्थ नहीं की तुम्हे अपना सकें,
हां मेरे लिए तुम नहीं हो “माथे की बिंदी” तुम मेरे लिए चेहरे का वो “तिल” हो जो कभी न मिटने वाली खुबसूरती देता है, चाहे हमारे देश में हर दफ्तर,विद्यालय,संस्थान में जो जगह तुम्हारी होनी चाहिए वो दूसरी भाषा को मिली हुई है लेकिन फिर भी हम कुछ “हिंदी प्रेमी” अब भी ऐसे हैं जो दूसरी भाषा की जम रही महफिल में एक “खास प्रस्तुति” तुम्हारी दे ही देते हैं और यकीन मानो महफिल तुम ही लुटती हो😊,तुम एक ऐसा सच हो जिसे कोई भी नहीं नकार सकता,कभी भी नहीं,हम बस इतना कर सकते हैं की आने वाली पीढ़ी को तुम्हारा हाथ थमा कर चलना सिखाएं…और कर रहे हैं😊
और हमें यकीन है ये पीढ़ी ही एक दिन तुम्हारी धीमी होती रफ्तार को तेज कर के तुम्हे मंजिल तक जरूर पहुंचाएगी😊
आज तुम्हारा दिन है और तुम्हारे इस दिन की हम सब को बहुत बधाई💐
तुम बहुत “धनी”
आज तुम्हें क्या दूं
मैं तुम्हारी “ऋणी” 😊
तुम्हें अपने मन की बात लिखने में कोई गलती हुई हो तो क्षमा 🙏
सब तुम्हें लिखते रहें,पढ़ते रहें,कहते रहें,सुनते रहें इसी कमाना के साथ…….
तुम्हारी “हिंदी प्रेमी”
“इंदु”