Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2021 · 1 min read

हिंदी: हमारी जान

१,हिंदी है हमको जान से प्यारी ,
हिंदी पर सारा जीवन वारी ,
हमारी भावनाओं को मूर्त रूप दे सके जो ,
हिंदी में ही है वो अदभुत कलाकारी ।

२,अंग्रेजी चाहे जितने पर फैला ले ,
औंधे मुंह एक दिन जरूर गिरेगी ।
हिंदी है हमारी संस्कृति और सभ्यता ,
अपना परचम सारे विश्व में लहराएगी ।

Language: Hindi
1 Like · 230 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
Books from ओनिका सेतिया 'अनु '
View all
You may also like:
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
Dr. Arun Kumar Shastri – Ek Abodh Balak – Arun Atript
DR ARUN KUMAR SHASTRI
खिड़कियां हवा और प्रकाश को खींचने की एक सुगम यंत्र है।
खिड़कियां हवा और प्रकाश को खींचने की एक सुगम यंत्र है।
Rj Anand Prajapati
वो सांझ
वो सांझ
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
" विश्व शांति "
DrLakshman Jha Parimal
मैं अपनी सेहत और तरक्की का राज तुमसे कहता हूं
मैं अपनी सेहत और तरक्की का राज तुमसे कहता हूं
डॉ. शशांक शर्मा "रईस"
ତୁମ ର ହସ
ତୁମ ର ହସ
Otteri Selvakumar
3291.*पूर्णिका*
3291.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
18, गरीब कौन
18, गरीब कौन
Dr .Shweta sood 'Madhu'
यादों के तराने
यादों के तराने
नंदलाल मणि त्रिपाठी पीताम्बर
आई तेरी याद तो,
आई तेरी याद तो,
sushil sarna
विश्वेश्वर महादेव
विश्वेश्वर महादेव
डॉ प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम
हे अयोध्या नाथ
हे अयोध्या नाथ
सुरेश कुमार चतुर्वेदी
मुझ में ही तो
मुझ में ही तो
हिमांशु Kulshrestha
निकलती हैं तदबीरें
निकलती हैं तदबीरें
Dr fauzia Naseem shad
**तेरे बिना हमें रहना नहीं***
**तेरे बिना हमें रहना नहीं***
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
प्यार है नही
प्यार है नही
SHAMA PARVEEN
बचपन
बचपन
ओमप्रकाश भारती *ओम्*
31/05/2024
31/05/2024
Satyaveer vaishnav
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
मैंने इन आंखों से गरीबी को रोते देखा है ।
Phool gufran
शिव-स्वरूप है मंगलकारी
शिव-स्वरूप है मंगलकारी
कवि रमेशराज
जिसका समय पहलवान...
जिसका समय पहलवान...
Priya princess panwar
खुद से ज़ब भी मिलता हूँ खुली किताब-सा हो जाता हूँ मैं...!!
खुद से ज़ब भी मिलता हूँ खुली किताब-सा हो जाता हूँ मैं...!!
Ravi Betulwala
ऑंधियों का दौर
ऑंधियों का दौर
हिमांशु बडोनी (दयानिधि)
😊आज का दोहा😊
😊आज का दोहा😊
*प्रणय*
डीजे
डीजे
Dr. Pradeep Kumar Sharma
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
बचपन की वो बिसरी यादें...!!
पंकज परिंदा
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -189 से चयनित श्रेष्ठ दोहे
बुंदेली दोहा प्रतियोगिता -189 से चयनित श्रेष्ठ दोहे
राजीव नामदेव 'राना लिधौरी'
पराक्रम दिवस
पराक्रम दिवस
Bodhisatva kastooriya
मां
मां
Shutisha Rajput
एक बाप ने शादी में अपनी बेटी दे दी
एक बाप ने शादी में अपनी बेटी दे दी
शेखर सिंह
Loading...