हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी शान है
हिंदी हमारी मान है
हिन्दी हीनता का नहीं
राष्ट्र गौरव का प्रतीक है।
हिन्दी में यश है हिन्दी में रस है,
हिन्दी नहीं तो जीवन नीरस है।
हिन्दी का है अपना स्वरूप,
कभी नहीं बदलता इसका रूप।
हिन्दी में होते वर्ण पैंतीस,
शरीर में रीढ़ की हड्डी होती पैंतीस।
हिन्दी ही है विश्व की एकमात्र ऐसी भाषा,
जो रखती क्षमता अंर्तविरोधियों को पालने की।
हिन्दुस्तान की जान है हिन्दी,
संस्कृत इसकी जननी है।
तत्सम तद्भव देशज विदेशी सब
रंगों को समभाव से अपनाती हिन्दी।
विश्व की सबसे सरल मधुर वैज्ञानिक भाषा है हिन्दी।
फिल्मों में हिन्दी,गीतों में हिन्दी
कविता गद्य पद्य छंद सभी की
प्राण है हिन्दी।
कभी मीरा कभी तुलसी तो
कभी रसखान खुसरो है हिन्दी।
हिन्दी हमारी मातृभाषा भाषा
करना इसका सदा सम्मान।
अन्य भाषाओं का भी है मान सम्मान,
पर हिन्दी का सम्मान माँ सम्मान।
हमें सिर्फ हिन्दी दिवस पर ही
नहीं बहना भावनाओं में
हर पल करना है सम्मान हिन्दी का।
हिन्दी भाषा के हर पहलुओं पर
हर समय डालना है प्रकाश।
ताकि नयी पीढ़ी करें अपनी मातृभाषा का सम्मान। ।
हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाएँ। ।
स्वरचित रचना
पूनम लता