हिंदी दोहे -कदंब
हिंदी दोहे – #कदंब
है कदंब का वृक्ष शुभ,कहते ग्रंथ विशिष्ट।
#राना दर्शन कीजिए,करिए नष्ट अनिष्ट।।
शेषनाग बलराम का, है कदंब आशीष।
#राना छाया में रहे, राधा-हरि जगदीश।।
लीलाएँ #राना सुनी,राधारानी श्याम।
शुभ कदंब तरुवर तले,रहीं सुहानी शाम।।
#राना बैठी राधिका,साथ बिराजे श्याम।
तब कदंब भी पुष्प शुभ,गिरा रहा अविराम।।
राधारानी श्याम ने,तरु कदंब स्वीकार।
रखा पुष्प का मान है,#राना करे विचार।।
*** दिनांक -12-11-2024
✍️ -राजीव नामदेव “राना लिधौरी”
संपादक “आकांक्षा” हिंदी पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com