हिंदी दोहा शब्द – भेद
हिंदी दोहा शब्द- भेद
भेद न अपना दीजिए , कहाँ आप कमजोर |
#राना कहता आपसे , इस पर करो न शोर ||
भेद विभीषण ने दिया , हार गया लंकेश |
#राना अब भी भेद के , मिलते है परिवेश ||
भेद किसी का जानने , करते लोग प्रयास |
मिल जाए #राना अगर , करते फिर उपहास ||
भेदी खोजे भेद को , #राना खोजे वेद |
चोर खोजता छेद को , दुष्टी खोजे खेद ||
चार जनों के बीच में , खुलता है यदि भेद |
#राना निश्चित जानिए , हाथ लगेगा खेद ||
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© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
संपादक- ‘अनुश्रुति’ त्रैमासिक बुंदेली ई पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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