हिंदी दोहा-कालनेमि
हिंदी #दोहे – #कालनेमि
कालनेमि को मारकर,चले गए हनुमान।
पर कलयुग में गा रहा,’राना’यह फिर गान।।
मरे दैत्य पर देखते, जिंदा रहे प्रतीक।
कालनेमि के रूप में,#राना रखते लीक।।
कालनेमि दोषी बना,था रावण आदेश।
#राना अब भी देखता,आज यही परिवेश।।
कालनेमि संसार में, यत्र तत्र सर्वत्र।
#राना कुछ तो सामने,खुले आम लें शस्त्र।।
कालनेमि करते सदा,#राना कठिन प्रहार।
इनके बचकर ही रहो,या दो इनको मार।।
एक #हास्य_दोहा-
धना कहे #राना सुनो,कालनेमि मँहगाइ।
सबके घर में घुस रही,बनके भली लुगाइ ||
🤑🤑🤑 दिनांक-28.5.2024
✍️ #राजीव_नामदेव”#राना_लिधौरी”
संपादक “#आकांक्षा” पत्रिका
संपादक-‘#अनुश्रुति’त्रैमा.बुंदेली ईपत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. #लेखक_संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष #वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
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Email – ranalidhori@gmail.com
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