हिंदी दिवस
**मनहरण घनाक्षरी**
*** विषय-हिन्दी ***
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हिन्दी हिन्दू हिंदुस्तान,
हिन्द देश की है शान।
स्वाभिमान अभिमान,
भारत का मान है।
अंग्रेजी का बोलबाला,
हिन्दी बेचारी है बाला।
बेगानी सी लगे आज,
विदेशी का गान है।
मधुर सलोनी हिन्दी,
मस्तक की जैसे बिंदी।
सरल , सरस भाषा,
ये ज्ञान की खान है।
हिन्दी का गौरव बढ़े,
हिंदी सब लिखें पढें।
गंगा सी बहती रहे,
ये मान सम्मान है।
मीरा का है भक्ति रस
राधा कृष्ण प्रेम रस।
कोयल सी मीठी हिंदी,
सुर , लय , तान है।
है अलंकार युक्त
छंद बद्ध छंद मुक्त।
दोहा,गीत,चौपाई है
मूल भी महान है।
दिल में बसाएं हिन्दी,
नित्य मनाएं हिन्दी।
प्रातः शाम हो वंदन,
हिन्दी हिन्द की जां है।
मनसीरत याचन,
हिन्दी में हो वाचन।
हररोज हिन्दी दिन,
दिल का अरमान है।
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सुखविंद्र सिंह. मनसीरत
खेड़ी राओ वाली (कैथल)