Sahityapedia
Sign in
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
14 Sep 2023 · 3 min read

हिंदी दिवस पर एक आलेख

हिन्दी में विश्व भाषा बनने की सामर्थ्य
*रमेशराज
————————————
शब्द का सम्बन्ध सोच-विचार , चिन्तन-मनन से होने के कारण भाषा केवल हमारे रागात्मक सम्बन्धों की संवाहिका ही नहीं होती, हमें परिमार्जित और संस्कारित भी करती है। संस्कृति के निर्माण में भाषा की ही अहं भूमिका होती है। हिन्दी संघ की राजभाषा बनने से पहले ही भारत की राष्ट्रभाषा हिन्दी अमीर खुसरो , चंदबरदायी के समय से अपनी शब्द सम्पदा को समृद्ध करते हुए , अपने रूप-स्वरूप को इस तरह सॅवारती चली आ रही है कि यह भारतीय समाज के शिक्षित , अशिक्षित , शहरी , ग्रामीण अर्थात् सभी वर्गों के बीच संवाद , अभिव्यक्ति और रागात्मकता को प्रगाढ़ करती हुई उत्तरोत्तर अपनी उपस्थिति दर्ज करा रही है।
सर्वाधिक सुखद संकेत यह है कि हिन्दी बोलने वालों की सख्या आज विश्वभर में सर्वाधिक है। पूरे विश्व में पहले चीनी अर्थात् मंडारिन बोलने वाले जनसंख्या में आगे होने के कारण सर्वोपरि थे किन्तु अब हिन्दी बोलने समझने लिखने पढ़ने वालों की संख्या सर्वाधिक है। पूरी दुनिया में हिन्दी को अभिव्यक्ति का माध्यम अपनाने वालों की संख्या एक अरब से भी अधिक है। अंग्रेजी को मातृभाषा के रूप में अपनाने वाले मात्र पेंतीस करोड़ हैं । पर दुर्भाग्य देखिए अंग्रेजी अल्पसंख्यक भाषा होने के बावजूद विश्वभाषा उन सफेदपोश वर्ग के कारण बनीं हुई है जो वोट हिन्दी में मांगते आ रहे हैं किन्तु अपना सारा राजकाज अंग्रेजी में चलाने को आतुर रहते हैं । अंग्रेजी हमारे शासक प्रभुओं की भाषा है , अतः हिन्दी राष्ट्रभाषा का गौरव प्राप्त करने के लिए आज भी तरस रही है।
हिन्दी को राजभाषा तक ही सीमित रखने का यह राजनितिक षड़यंत्र अधिक समय तक नहीं चल सकता क्योंकि इसी शासक वर्ग को एक न एक दिन मानना-स्वीकारना पड़ेगा कि ज्यों-ज्यो भूमंडलीकरण बढे़गा , व्यापार और बाजार के लिए हिन्दी को ही वरीयता इसलिए देनी पड़ेगी क्योंकि सर्वाधिक उपभोक्ता हिन्दी भाषी हैं।
हिन्दी की लिपि देवनागरी वैज्ञानिक और सरलता से सीखी जाने वाली लिपि है। हिन्दी का हर अक्षर अपने आप में एक शब्द है जो एक निश्चित अर्थ को भी अपने आप में समाहित किये है , जैसे ‘अ’ का अर्थ नहीं , ‘द’ का अर्थ ‘देने वाला’। जबकि अंग्रेजी के अधिकांश अक्षर निरर्थक हैं। हिन्दी में जो बोला जाता है वही देवनागरी लिपि में लिखा जाता है। कम्प्यूटर के लिए देवनागरी लिपि की वैज्ञानिकता असंदिग्ध है। जरूरत इसे लागू करने की है। सच्चाई को नकारा नहीं जा सकता कि विश्व में सर्वाधिक बोली जानें वाली भाषा हिन्दी विश्व की तीन हजार भाषाओं में से इकलौती भाषा इसलिए बन गयी है क्योंकि इसने लोकभाषा , फारसी , अरबी , अंग्रेजी आदि से शब्द ग्रहण कर अपने आप को व्यापक बनाया है। इसी भाषा ने कॉमेडी और ट्रेजडी तक सिमटने वाली रसतालिका को नौ रस दिये हैं, अन्य रस बढ़ायें हैं। हिन्दी भाषा की उपभाषाओं मैथली , भोजपुरी , बुन्देली , राजस्थानी , ब्रज , उर्दू आदि को इससे अलग करने के षड़यत्र यदि रुक जायें तो हिन्दी को विश्वभाषा बनने में देर नहीं लगेगी।
हिन्दी आज पत्र-पत्रिका , न्यूज चैनल्स , टी. वी. सीरियल्स , फिल्मों , नाटकों में ही नहीं धड़कती, दुनिया के सौ से अधिक विश्वविधालायों में पढ़ायी जाती है। विदेशी कृतियॉं जैसे ‘ हैरीपोटर ’, सूटेबल ब्वाय ’, द ‘ सेकण्ड सैक्स ’ आदि हिन्दी में अनुवादित होकर दुनिया में धूम मचा रही हैं। हिन्दी आज हिन्दुस्तान में ही नहीं चीन , अमेरिका , फ्रॉस , रूस , आस्ट्रेलिया , इण्लेंड , जापान आदि में भी सीखी-पढ़ी-बोली जा रही है। भले ही ऐसा बाजारवाद के कारण हो , लेकिन यह कटुसत्य है कि हिन्दी विश्वभाषा बनने जा रही है।
————————————-
रमेशराज, 15/109 ईसा नगर निकट थाना सासनी गेट अलीगढ़

Language: Hindi
311 Views

You may also like these posts

हम जीये यहाँ इस तरहां
हम जीये यहाँ इस तरहां
gurudeenverma198
#संकट-
#संकट-
*प्रणय*
Jul 18, 2024
Jul 18, 2024
DR ARUN KUMAR SHASTRI
नवदुर्गा।
नवदुर्गा।
Acharya Rama Nand Mandal
*
*"माँ कात्यायनी'*
Shashi kala vyas
4886.*पूर्णिका*
4886.*पूर्णिका*
Dr.Khedu Bharti
E certificate kab tak milega
E certificate kab tak milega
भरत कुमार सोलंकी
ममता
ममता
PRATIBHA ARYA (प्रतिभा आर्य )
पहला प्यार
पहला प्यार
Prithvi Singh Beniwal Bishnoi
मैं मज़दूर हूँ
मैं मज़दूर हूँ
Ahtesham Ahmad
"विचित्र दौर"
Dr. Kishan tandon kranti
"राहे-मुहब्बत" ग़ज़ल
Dr. Asha Kumar Rastogi M.D.(Medicine),DTCD
आंखों से अश्क बह चले
आंखों से अश्क बह चले
Shivkumar Bilagrami
*इस धरा पर सृष्टि का, कण-कण तुम्हें आभार है (गीत)*
*इस धरा पर सृष्टि का, कण-कण तुम्हें आभार है (गीत)*
Ravi Prakash
कहानी - आत्मसम्मान)
कहानी - आत्मसम्मान)
rekha mohan
'प्रेम पथ की शक्ति है'
'प्रेम पथ की शक्ति है'
हरिओम 'कोमल'
जिक्र
जिक्र
लक्ष्मी वर्मा प्रतीक्षा
बात इस दिल की
बात इस दिल की
Dr fauzia Naseem shad
घनघोर अंधेरी रातों में
घनघोर अंधेरी रातों में
करन ''केसरा''
अब फज़ा वादियों की बदनाम हो गई है ,
अब फज़ा वादियों की बदनाम हो गई है ,
Phool gufran
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
जो वक्त से आगे चलते हैं, अक्सर लोग उनके पीछे चलते हैं।।
Lokesh Sharma
“मित्रताक स्वागत”
“मित्रताक स्वागत”
DrLakshman Jha Parimal
If you ever need to choose between Love & Career
If you ever need to choose between Love & Career
पूर्वार्थ
विश्वासघात/धोखा
विश्वासघात/धोखा
लक्ष्मी सिंह
भुला ना सका
भुला ना सका
Dr. Mulla Adam Ali
मेरा प्यारा बचपन
मेरा प्यारा बचपन
Heera S
सच और झूठ
सच और झूठ
Neeraj Agarwal
दुआ को असर चाहिए।
दुआ को असर चाहिए।
Taj Mohammad
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
सत्तावन की क्रांति का ‘ एक और मंगल पांडेय ’
कवि रमेशराज
बचपन में थे सवा शेर जो
बचपन में थे सवा शेर जो
VINOD CHAUHAN
Loading...