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24 Aug 2020 · 1 min read

हाहाकार मचा दूँगा

सूने उर के आंगन में गंगा की धार बहा दूँगा
मिला अगर सहयोग आपका हाहाकार मचा दूँगा

तन मन धन अर्पित करने को जब हर साथी उत्साहित हो
संघ में हर्ष तभी होगा जब संघर्ष समाहित हो
फिर वादा करता हूँ मैं .. सारे अधिकार दिला दूँगा
मिला अगर सहयोग आपका हाहाकार मचा दूँगा

माना कि हम शिक्षक हैं इल्म और इबादत रखते हैं
हर जोर जुल्म की टक्कर में हम कलम की ताकत रखते हैं
पर आंच कलम पर आई तो फिर मैं तलवार उठा लूँगा
मिला अगर सहयोग आपका हाहाकार मचा दूँगा

सत्ता के गलियारों में अब गूंजेगा यह नारा है
सुनो राजनीति के ठेकेदारों, पेंशन अधिकार हमारा है
अब भी कानों में जूं न रेंगी तो मैं सरकार हिला दूँगा
मिला अगर सहयोग आपका हाहाकार मचा दूँगा

– हरवंश श्रीवास्तव

Language: Hindi
Tag: गीत
2 Likes · 484 Views
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