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2 Aug 2024 · 1 min read

हास्य कुंडलिया

आगे पीछे देखते,मियां मनसुखा लाल.
मस्ती में पीते तभी, हो जाते बेहाल.
हो जाते बेहाल,,करें मत यारी उससे.
हैं बेढब इंसान , लड़ाई लड़ते, सबसे .
सवा शेर से रार, मनसुखा करके भागे.
कहीं ठौर ना ठांव,दिखा तब पीछे आगे.
डॉ , प्रवीण कुमार श्रीवास्तव, प्रेम

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