हाले कबीर, माले बेरहम
हां, हम कबीर हैं, मगहरवाले।
मर के गधा बनने आए थे।
यहां मेरी लाश को बांट के बकरा बना दिया।
सर हिंदू ले लिया, धड़ मुसलमान खा गया।
मैं कर्ता को भगवान बनाने चला था।
इन भूंखो ने मुझे भगवान बना दिया।
अब मेरी रूह भी वहां नहीं बसती है।
पर मेरे नाम की इमारत देख हंसती है।।
वो कहती है भूखों में कभी कबीर न होना।
हे राम अवध में ही रहना, कभी लंका में रघुवीर न होना।।
जय हिंद