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25 Nov 2019 · 1 min read

हाल़ात

सोचता हूं कभी-कभी हाल़ात पर बहुत ज्यादा सोचने के बजाय अपने आपको एक बार उसके हवाले कर देना चाहिए । जब हाल़ात अपने काब़ू मे ना हो तब ज्यादा सोचने के बजाय जो भी मुऩासिब़ हो वो करना ब़ेहतर होगा।
कभी कभी इंसानी फ़ितरत नाकाम़याब़ हो जाती है जब क़ुदरत की मार उस पर पड़ती है ।
क्योंकि ज्यादा सोचने से कुछ हास़िल नहीं होने वाला सिर्फ तारीकियाँ ही बढ़ने वाली हैं । हमेशा कोशिश़ ये रहे कि अपने आप को हौल़े हौल़े उस म़ाहौल से निकालें और खुश़ रहने के म़ौके तलाश़ करें । जितनी जल्दी हो सके अपने आप को पश़ेमाँ होने से बचायें। वरना मौज़ूदा हाल़ात आपको अपनी नाक़ामी के अ़सर से सा़लता रहेगा और आपको ज़ेहनी तौर पर कमज़ोर करता रहेगा ।

Language: Hindi
Tag: लेख
1 Like · 213 Views
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