हालत खराब है
हाल न पूछो
फकीरों का
खाना ख़राब
कबीरों का…
(१)
औने-पौने
दामों में
होता सौदा
जमीरों का…
(२)
सच को सूली
मिलनी तय
आया दौर
वजीरों का…
(३)
दरबारी
कवियों के आगे
कौन सुने गीत
नजीरों का…
#Geetkar
Shekhar Chandra Mitra
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