हार
हार
रात भर पढ़ता रहा,सुबह तक मन थक गया।
परीक्षा में अच्छा करने का,उसका मन था पक्का।
लेकिन परीक्षा में ना आया,उसका जवाब सही।
हार गया वह परीक्षा में,मन में आया गम।
बार-बार सोचता रहा,क्यों ना आया जवाब सही।
कई बार कोशिश की,पर ना आया सफलता।
मन में आया थकान,उसकी आँखों में पानी।
माँ-बाप से शर्मा रहा,अपनी हार से।
सोच रहा था कि,क्या अब पढ़ाई करूँ?
क्या अब जीवन में आगे बढ़ूँ?
ऐसे ही सोचते-सोचते,उसकी आँख लग गई।
सुबह उठा तो,उसका मन फिर से हो गया जागरूक।
सोचा कि,हार क्यों मानूं?
फिर से कोशिश करूँगा,और सफलता पाऊँगा।
इस बार मैं हार नहीं मानूँगा,अपने सपनों को पूरा करूँगा