“हादसों से हम सीखते नहीं हैं ll
“हादसों से हम सीखते नहीं हैं ll
लड़ते तो हैं पर जीतते नहीं हैं ll
आंखों में पानी पर दिल चट्टानी है,
किसी के दुख पर पसीजते नहीं हैं ll
डूबते हुए इंसानों के चित्र आते रहते हैं,
तस्वीरों के अलावा कुछ खीचते नहीं हैं ll
दर्द उन्हें भी होता है, मगर यह अलग बात है,
कि ये बेचारे जंगल नदी पहाड़ चीखते नहीं हैं ll
साल तो पता नहीं कैसे गुजर जाते हैं,
और ये रात-दिन हैं कि बीतते नहीं हैं ll”