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25 Dec 2019 · 1 min read

” हाथों सब छूटा जाए ” !!

गीत

मौत बाँटते दूजों को जो ,
परछाई से डर जाएँ !
निष्ठुर मौत हँसा करती है ,
कोई चंगुल फँस जाए !!

एक दूजे पर रौब जमाते ,
हलका है कोई भारी !
सब अवसर को ताक रहे हैं ,
कब आए किसकी बारी !
जिसके हाथों लगी जीत है ,
इठलाये औ बल खाए !!

किसके दिन कब पूरे होंगे ,
सभी लिफाफे बंद हैं !
नीरस जीवन मिले किसी को ,
किसे मिले मकरंद है !
पल भर में ही सिमटे दुनिया ,
हाथों सब छूटा जाए !!

कोई जहर बाँटता हाथों ,
कोई मारे दंश है !
बगुले घात लगाये बैठे ,
मानो जैसे हंस हैं !
बली दबोचे निर्बल को बस ,
कातर स्वर निकले हाए !!

गले मौत की घँटी बाजे ,
मन में छिड़ता द्वंद है !
किया गलत आँखों के आगे ,
नज़रें होती बंद हैं !
भूले रब को याद करें तब ,
मंद मंद वह मुस्काए !!

स्वरचित / रचियता :
बृज व्यास
शाजापुर ( मध्यप्रदेश )

Language: Hindi
Tag: गीत
1 Like · 278 Views
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