हाथों की लकीरों तक
तदबीर के हुनर से बना लेना
तुम अपनी ज़िन्दगी ।
हाथों की लकीरों तक खुद को
महदूद नहीं रखना ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद
तदबीर के हुनर से बना लेना
तुम अपनी ज़िन्दगी ।
हाथों की लकीरों तक खुद को
महदूद नहीं रखना ।।
डाॅ फौज़िया नसीम शाद