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11 Apr 2020 · 1 min read

हाइकु -5 | मोहित नेगी मुंतज़िर

चाय का प्याला
थकान को पी जाता
जादूगर आला।

किसका डर
आंखें रोती रहती
जीवन भर।

आओगे कब
ये जीवन की बेला
ढलेगी जब।

चल दिखाऊँ
असली जीवन से
तुझे मिलाऊं।

Language: Hindi
1 Comment · 227 Views
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