हाइकु
“मेंहदी” (हाइकु)
(1)मन भावन
मेंहदी रचे हाथ
पिया का साथ।
(2)पीस पत्तियाँ
करतल सजाईं
खूब रचाईं।
(3)मेंहदी लगी
जो पिया मन भाई
सुर्ख कलाई।
(4)प्रीत बढ़ाएँ
मेंहदी रचे हाथ
पिया का साथ।
(5)चाहत भरी
सावन की पहेली
लाल हथेली।
(6)प्यार हमारा
मेंहदी पर नाम
लिखा तुम्हारा।
(7)नई नवेली
मेंहदी की हथेली
सुख श्रृंगार।
(8)आया सावन
मेंहदी रचे हाथ
सखियाँ साथ
(9)रची हथेली
मेंहदी से महकी
पी के नाम की।
(10)मेंहदी पिसी
सुर्ख हथेली रची
सुख सौभाग्य।
डॉ. रजनी अग्रवाल “वाग्देवी रत्ना”
वाराणसी(उ. प्र.)
संपादिका-साहित्य धरोहर