Sahityapedia
Login Create Account
Home
Search
Dashboard
Notifications
Settings
22 Jan 2017 · 1 min read

हाइकु

महक जाओ
खुशबू लो मुझसे
कहा फूल ने
?सतीश राठी

Language: Hindi
357 Views
📢 Stay Updated with Sahityapedia!
Join our official announcements group on WhatsApp to receive all the major updates from Sahityapedia directly on your phone.
You may also like:
समझा दिया
समझा दिया
sushil sarna
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
तेरी आमद में पूरी जिंदगी तवाफ करु ।
Phool gufran
जब से मेरी आशिकी,
जब से मेरी आशिकी,
नील पदम् Deepak Kumar Srivastava (दीपक )(Neel Padam)
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
दलितों, वंचितों की मुक्ति का आह्वान करती हैं अजय यतीश की कविताएँ/ आनंद प्रवीण
आनंद प्रवीण
*तुम न आये*
*तुम न आये*
Kavita Chouhan
बरसात...
बरसात...
डॉ.सीमा अग्रवाल
■ मुक्तक...
■ मुक्तक...
*Author प्रणय प्रभात*
बे-ख़ुद
बे-ख़ुद
Shyam Sundar Subramanian
आसमाँ के परिंदे
आसमाँ के परिंदे
VINOD CHAUHAN
पितर पाख
पितर पाख
Mukesh Kumar Sonkar
मैं पलट कर नही देखती अगर ऐसा कहूँगी तो झूठ कहूँगी
मैं पलट कर नही देखती अगर ऐसा कहूँगी तो झूठ कहूँगी
ruby kumari
"यह कैसा नशा?"
Dr. Kishan tandon kranti
तेरे प्यार के राहों के पथ में
तेरे प्यार के राहों के पथ में
singh kunwar sarvendra vikram
कहाँ अब पहले जैसी सादगी है
कहाँ अब पहले जैसी सादगी है
महावीर उत्तरांचली • Mahavir Uttranchali
बदनाम शराब
बदनाम शराब
सोलंकी प्रशांत (An Explorer Of Life)
2351.पूर्णिका
2351.पूर्णिका
Dr.Khedu Bharti
हमारी संस्कृति में दशरथ तभी बूढ़े हो जाते हैं जब राम योग्य ह
हमारी संस्कृति में दशरथ तभी बूढ़े हो जाते हैं जब राम योग्य ह
Sanjay ' शून्य'
बहुत ख्वाब देखता हूँ मैं
बहुत ख्वाब देखता हूँ मैं
gurudeenverma198
नैन
नैन
TARAN VERMA
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
कभी-कभी कोई प्रेम बंधन ऐसा होता है जिससे व्यक्ति सामाजिक तौर
DEVSHREE PAREEK 'ARPITA'
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
सताती दूरियाँ बिलकुल नहीं उल्फ़त हृदय से हो
आर.एस. 'प्रीतम'
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
*धन्य अयोध्या हुई जन्म-भू, जिनकी गरिमा पाई【मुक्तक】*
Ravi Prakash
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
*गुड़िया प्यारी राज दुलारी*
सुखविंद्र सिंह मनसीरत
धर्म वर्ण के भेद बने हैं प्रखर नाम कद काठी हैं।
धर्म वर्ण के भेद बने हैं प्रखर नाम कद काठी हैं।
सत्येन्द्र पटेल ‘प्रखर’
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
हर दफ़ा जब बात रिश्तों की आती है तो इतना समझ आ जाता है की ये
पूर्वार्थ
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर को उनकी पुण्यतिथि पर शत शत नमन्।
Anand Kumar
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
खूबसूरत लम्हें जियो तो सही
Harminder Kaur
शंगोल
शंगोल
Bodhisatva kastooriya
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
कोई पैग़ाम आएगा (नई ग़ज़ल) Vinit Singh Shayar
Vinit kumar
जो भी आ जाएंगे निशाने में।
जो भी आ जाएंगे निशाने में।
सत्य कुमार प्रेमी
Loading...