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11 Apr 2020 · 1 min read

हाइकु -4 | मोहित नेगी मुंतज़िर

मां का आँचल
बहती सरिता का
शीतल जल।

रक्षाबंधन
प्यार के धागों पर
आया जीवन।

अपना घर
सपना गरीब का
आंखों पर।

स्वागत तेरा
हिमवंत देश में
गॉंव है मेरा।

खूब सुहाती
गर्मी के मौसम में
पिंडर घाटी।

Language: Hindi
1 Comment · 539 Views
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