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25 Dec 2024 · 1 min read

हाइकु

हाईकु
——–

81- भूला आदमी
अपनी औकात है
भटका राह

82 – भाव समझ
आदमी गरीब का
देवता रूप

83- साकार रूप
आदमी गरीब है
ईश्वर रुप

84- मौज मनाओ
गरीब के काम से
अमीर लोगों

85- जहरीले हैं
नेताओं के दांत ये
इनसे बचो

86- कष्ट हजार
सहो तुम हमेशा
मजे से रहो

87- मंगलकारी
होती है मेहनत
घर सवारे

88- अभिनंदन
करो वर्तमान का
कल सुधरे

89- समर्पित हो
काम पर जीवन
दिन हों प्यारे

90- प्रसन्न मन
रोग-शोक हों दूर
हों वारे-न्यारे

91- गीता से जुड़ें
जीवन सफल हो
मोक्ष निश्चय

92- अज्ञान मिटे
गीता सार समझो
मिटता भय

93- प्रभु रचना
गीता ग्रंथ पावन
देती वैराग्य

94 – प्रभु कृष्ण हैं
श्री गीता जन्मदाता
कर्म ही प्रिय

95- यह माया तो
कटे गीता ज्ञान से
करो स्वाध्याय

96 – जब समृद्धि
हो देश के अंदर
प्रसन्न जन

97 – फैले व्यापार
बढ़े -फले व्यापार
प्रसन्न मन

98- धर्म कर्म से
ही होता है हमेशा
आत्म निर्माण

99- शुभ कर्मों से
मिलती पूर्ण शांति
मन चंदन

100- किया जीवन
जिसने देशहित
वही महान ।

– मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

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