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13 Dec 2024 · 1 min read

हाइकु

हाइकु
——–

भुला न सका
मैं तुमको यादों से
तुम जां मेरी

आई बहार
तुम्हारे आने पर
आंखें चमकीं

दिल में छुपी
तुम्हारी तसवीर
प्यारी-सुंदर

तन्हा रहूं मैं
कैसे बताओ तुम
तुम्हारे बिना

एक चाहत
एक रिश्ता तुमसे
है मेरी जान

एक योजना
सभ्य योजना करे
युग निर्माण

इस तरह
किस-किस तरह
जीते जा रहे

प्रेरणा स्रोत
हमारे सेनानी हैं
भगत सिंह

देशभक्ति की
महान विशाल हैं
भगत सिंह

प्राण गंवाए
हंस-हंसकरके
भगतजी ने ।

– मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

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