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8 Aug 2021 · 1 min read

हाइकु- राना लिधौरी

बुंदेली हाइकु-बिन पेंदी के लोटे

1

कबै ढडके,
बिन पेंदी के लोटे।
भरोसौ नैया।।
***

2

कबै धौकों दें
बिन पेंदी के लोटे।
कै नईं सकैं।।
***

3

चंचल होत,
बिन पेंदी के लोटे।
सिक्के है खोटे।।
***

© राजीव नामदेव “राना लिधौरी” टीकमगढ़
संपादक “आकांक्षा” पत्रिका
जिलाध्यक्ष म.प्र. लेखक संघ टीकमगढ़
अध्यक्ष वनमाली सृजन केन्द्र टीकमगढ़
नई चर्च के पीछे, शिवनगर कालोनी,
टीकमगढ़ (मप्र)-472001
मोबाइल- 9893520965
Email – ranalidhori@gmail.com
Blog-rajeevranalidhori.blogspot.com
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Language: Hindi
1 Like · 598 Views
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