हाइकु- अधिकारों को
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अधिकारों को,
सर्वजन को बाँटें।
कुछ को न छाँटें।
सदियों तक।
शासनधिकार क्यों?
नाम कुल के।
क्यों नहीं सत्ता!
प्रजा सत्तात्मक हो।
बोलें खुल के।
आ करें दुआ।
कलम आग उगले।
स्याही न मात्र।
सत्य का क्या हो?
परेशान है सत्य।
सूखे,बाढ़ से।
उम्मीद तो है
कायम; इसलिए
कायम हूँ मैं।
मुद्दे की भीड़।
आंदोलन कसम।
क्रांति का जन्म।
पृथ्वी जन्मा है
शिव के संकल्प से
शिव है मूल।
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