हां तुम दीवाने हो
दिल ही दिल में मरते हो किसी पे,
मगर कहने से डरते हो, हां तुम दीवाने हो।
अपनी ज़ुबान से कहते नहीं पर प्यार तुम किसी से करते हो, हां तुम दीवाने हो।
सामने आते नहीं लेकिन छुप छुप कर किसी को तकते हो, हां तुम दीवाने हो।
महफ़िल में मुस्कुराते हो सब के साथ, लेकिन तन्हाई में आहें भरते हो, हां तुम दीवाने हो।
उसकी तसवीर को सीने से लगाए, छत पर तारें गिनते हो, हां तुम दीवाने हो।