हाँ वो लिपस्टिक रक़ीब लगती है
2122 1212 22
हाँ तेरे बिन अज़ीब लगती है
ज़िंदगी बद-नसीब लगती है
तू मुझे प्यार से न देखें तो
मौत बिल्कुल करीब लगती है
दर्द-ए-दिल जिस तरह समझती है
दर्द-ए-दिल की तबीब लगती है
सामने तेरे ज़िंदगी क्या है
बन सँवरकर ग़रीब लगती है
तू लगाती है जिसको होंठों पर
हाँ वो लिपस्टिक रक़ीब लगती है
– जॉनी अहमद ‘क़ैस’