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12 Nov 2017 · 1 min read

हाँ, ये दिल !

हाँ ये दिल !
// दिनेश एल० “जैहिंद”

सम्भाले मुश्किलों में जो,
गुनगुनाए खुशियों में जो,
दर्द मे तड़पता बड़ा ये दिल,
कौन है ये दिल, क्या है ये दिल,
कैसा है ये दिल…… !!!!

बड़ा बेकाबू है दिल, अजब-सा जादू है दिल ।
ना कोई इसके जैसा, गजब का चालू है दिल ।।
बचाए हर मुसीबतों में जो,
छुपाए हर राज़ पलों में जो,
खुशियों के सुगम गीत गाता दिल,
कौन है ये दिल, …………..

कैसा बे-जोड़ है दिल, बड़ा मुँहजोर है दिल ।
तोड़ जिसका ना कोई, यों चित्तचोर है दिल ।।
धक-धक हरदम धड़कता रहे जो,
प्रियतम के लिए मचलता रहे जो,
मुहब्बत की तलाश में भटकता दिल,
कौन है ये दिल, ……………..

खूब शानदार है दिल, खूब दमदार है दिल ।
रंग उतरे ना जिसका, वही रंगदार है दिल ।।
खुद का चित्र बनाके खुद मिटाए जो,
खुद दिल के संग दूजा दिल बनाए जो,
बैठ सागर-किनारे इंतजार करता दिल,
कौन है ये दिल, ………………..

फूलों-सा नरम है दिल, शोलों-सा गरम है दिल ।
जिसे ना समझा कोई, अजब वो भरम है दिल ।।
पाके करीब सनम को धड़के जो,
लेके गोरे हाथ हाथों में मचले जो,
मिलन की ग़ज़लें गुनगुनाता दिल,
कौन है ये दिल, …………..

================
दिनेश एल० “जैहिंद”
24. 05. 2017

Language: Hindi
Tag: गीत
441 Views
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