“हसरत क्युँ थी आने की”
एक सावन आया; बातें करता; मिल कर के वो जाने की
अब क्या मैं कहुँ उससे कि फिर क्युँ ; हसरत थी हाँ आने की,
आने की।।
©दामिनी कोट्स ✍?
एक सावन आया; बातें करता; मिल कर के वो जाने की
अब क्या मैं कहुँ उससे कि फिर क्युँ ; हसरत थी हाँ आने की,
आने की।।
©दामिनी कोट्स ✍?