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अमित कुमार
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10 Sep 2021 · 1 min read
हसरत ऐ-दिल
हसरत ऐ-दिल की
क्या सुनाऊं? साहिब !
उड़ाने तो बहुत भरी पर
जमी से ना उठ सका।
© “अमित”
Language:
Hindi
Tag:
शेर
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