हसरतों की राह में, यूँ न खुद को खोते रहो,
हसरतों की राह में, यूँ न खुद को खोते रहो,
हर किसी के वास्ते, वक़्त को न रोते रहो।।
अपनी क़ीमत जान लो, हर जगह न जाया करो,
जो तुम्हें न समझ सके, उनके लिए न ठहरो।।
हर कोई जो मांग ले, अपना वक्त न देना,
उनके लिए वक़्त रखो, जो वक़्त का मोल जानें।।
जो सदा तुम्हारे साथ, मुश्किलों में भी खड़ा रहे,
उन्हीं के लिए अपना, कीमती वक्त संजोते रहो।।
हर किसी की भीड़ में, खुद को यूँ न खो देना,
जो तुम्हें समझे और सुनें, बस उनके पास रहो।।
अपने वक्त की कद्र कर, उसे सही जगह खर्च करो,
जो तुम्हारे दिल से हो, बस उन्हीं के साथ रहो।।
जो तुम्हें इज़्ज़त दे, तुम्हारे वक्त की पहचान करे,
उन्हीं की खातिर, अपना वक्त और दिल बिछा दो।।
हर किसी की ज़रूरत में, खुद को न भुलाते रहो,
जो तुम्हें वक्त दे, उनके साथ ही चलते रहो।।