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7 Aug 2020 · 1 min read

“हवाओं का रुख”

हवाओं ने आज फ़िर, रुख तूफ़ान का किया है ।
जैसे मेरी बनी बनाईं ज़िन्दगी ,फ़िर बिखेरने आईं हों।
जिस्म से रूह तक ,तकलीफ़ दिया उसने मुझे।
जैसे मेरे करीब आकर, मुझे मिटाने आईं हों।

Language: Hindi
Tag: शेर
6 Likes · 2 Comments · 464 Views
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