हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
बात बात पर झूठ बोलना ठीक नहीं है
हर दरिया अपनी गहराई लिए फिरता है
बिना जाने ही गोता लगाना ठीक नहीं है
✍️कवि दीपक सरल
हर शाखा से फूल तोड़ना ठीक नहीं है
बात बात पर झूठ बोलना ठीक नहीं है
हर दरिया अपनी गहराई लिए फिरता है
बिना जाने ही गोता लगाना ठीक नहीं है
✍️कवि दीपक सरल